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मौत का डर कैसे निकालें चुटकियों में।

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मौत का डर कैसे निकालें चुटकियों में।  मौत का डर कैसे निकालें - डर की प्रक्रिया एक अनोखी प्रक्रिया है इसके अपने ही स्तर होते है। वास्तव में दर कोई वस्तु नहीं जिसको ख़तम करा जा सके इसको सिर्फ समझा जा सकता है।  नमस्कार साथियों  आज हम बात करने वाले हैं डर के बारे में - डर क्या है और क्यों लगता है। अक्सर हमारी जिंदगी में ऐसे पल कभी न कभी तो आते ही हैं जब हमें डर लगता है। डर एक ऐसा भाव है जिसके भीतर या तो हम गलत कदम उठाते है या कोई भूल कर बैठते है। इसलिए हमें समझना होगा की डर है क्या ? दरअसल डर से निजात पाया जा सकता है अगर उसको बस एक बार समझ लिया जाये तो।  डर तीन स्तर पर हमारी जिंदगी में आता है।  पहला स्तर - इसमें इंसान अपने भीतर खुद ही डर को पैदा करता है। वह अपने आप से यह झूठ बोलता है की वह डर में है। एक मजाकिया डर , जैसा की कोई भूत की पिक्चर, जिसमें साड़ी डरावनी बातें काल्पनिक होती हैं। यह डर काल्पनिक होते हैं। अगर थोड़ा समझ लिया जाये तो यह दर छूमंतर हो जाते हैं। यह दर ऐसा होता है जैसे कोई बच्चा यह सोचे की मुझे चुड़ैल ले जाएगी। पर इस बात पर गौर फ़रमाया जाय तो ऐसा बिलकुल नहीं होता। अधिकतर डर इस

ख़ुशी की तलाश - मात्र एक भ्रम

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हमें जिंदगी की किसी न किसी मोड़ पर ऐसा जरूर प्रतीत होता है की हमें कुछ अच्छे की जरूरत है। कुछ बढ़िया मिल जाए तो मजा सा आ जाये, कामना यही उठती है की यहां नहीं तो कहीं और जरूर ख़ुशी मिलेगी। पर जब हम अनेको प्रयासों के बाद वहाँ पहुँच जातें है तो फिर अंदर से लगने लगता है की कोई न कोई कमी जरूर रह गई है। पर हमें अब ज़रा सतर्क रहना होगा। जी हाँ सतर्क और सावधान।      आप सोचते हैं की शान्ति पाने के लिए आपको अपने सपने पूरे करने जरूरी है। जी बहुत बढ़िया बात पर आप यह नहीं जानते की बचपन से लेकर आज तक आपके या हम सभी के साथ यही तो होता है है की सुख चैन कहीं मिला ही नहीं। जाने की कोशिश नहीं करी क्यों ?  पहली कक्षा में थे तो लगता था पांचवी में मजा आएगा और सब सही हो जायेगा, पांचवी में गए तो लगा की आठवीं में धौंस बनेगी, उसके बाद बारहवीं, कॉलेज, नौकरी या उद्योग, पर मन ख़ुशी ही ढूंढ रहा है क्यूंकि उसने यह समझा है की ख़ुशी शान्ति है। इसलिए दोबारा समझिये आपको अब सतर्क और सावधान रहना होगा।  थोड़ा और गहराई में उतारते है और समझते है- देखिये मन को हमेशा खुश होना है। इसलिए वह विचार करता है की ये वाला काम नहीं दूसरा काम अच