मौत का डर कैसे निकालें चुटकियों में।






मौत का डर कैसे निकालें चुटकियों में। 

मौत का डर कैसे निकालें - डर की प्रक्रिया एक अनोखी प्रक्रिया है इसके अपने ही स्तर होते है। वास्तव में दर कोई वस्तु नहीं जिसको ख़तम करा जा सके इसको सिर्फ समझा जा सकता है। 

नमस्कार साथियों 

आज हम बात करने वाले हैं डर के बारे में - डर क्या है और क्यों लगता है। अक्सर हमारी जिंदगी में ऐसे पल कभी न कभी तो आते ही हैं जब हमें डर लगता है। डर एक ऐसा भाव है जिसके भीतर या तो हम गलत कदम उठाते है या कोई भूल कर बैठते है। इसलिए हमें समझना होगा की डर है क्या ?

दरअसल डर से निजात पाया जा सकता है अगर उसको बस एक बार समझ लिया जाये तो। 

डर तीन स्तर पर हमारी जिंदगी में आता है। 

पहला स्तर - इसमें इंसान अपने भीतर खुद ही डर को पैदा करता है। वह अपने आप से यह झूठ बोलता है की वह डर में है। एक मजाकिया डर , जैसा की कोई भूत की पिक्चर, जिसमें साड़ी डरावनी बातें काल्पनिक होती हैं। यह डर काल्पनिक होते हैं। अगर थोड़ा समझ लिया जाये तो यह दर छूमंतर हो जाते हैं। यह दर ऐसा होता है जैसे कोई बच्चा यह सोचे की मुझे चुड़ैल ले जाएगी। पर इस बात पर गौर फ़रमाया जाय तो ऐसा बिलकुल नहीं होता। अधिकतर डर इस ही तरह के होते हैं। इनको ख़तम करा जा सकता है। 

दूसरा स्तर - इस स्तर पर इंसान जानबूझकर गलतियां करता है। मान लीजिये की वह सो कर सुबह 15 मिनट या आधा घंटा लेट उठा और दफ्तर के लिए भी देर से पहुंचा। पर पूरे रास्ते वह यही सोचता हुआ जा रहा था की उसका मालिक उसको डाँटेगा। उसको दांत पड़ने वाली है। तो इसलिए यह डर दुसरे स्तर का है और समझने के लिए हम उदाहरण के लिए ले लेते हैं की आपको सुबह के 10 बजे बस पकड़ना है पर आप घर से ज़रा पांच मिनट देर से निकले और रास्ते में डर लग रहा है की बस छूठ जाएगी, तो यह लाज़मी है की बस छूठ जाएगी। इसका मात्र उपाय यह है की अपने काम पर समय से निकले और आलस्य भाव का त्याग करें। 

तीसरा स्तर - यह डर बहुत कम लोगो को लगता है। काफी कम लोग इस डर तक पहुँच पाते हैं। इस डर के रास को चखना काफी मुश्किल होता है परन्तु जिसने चख लिया वह छोड़ता नहीं है। इसमें इंसान बस एक चीज़ की फ़िक्र करता है की वह कौन है। यहां उसका क्या लक्ष्य है। वह क्या प्राप्त करने आया है, अगर उसने जो चाहा और पा लिया ,तो भी उसे क्या मिल जायेगा। इस तरह के लोग इस धरती पे ज़रा काम हे पाए जाते हैं। इस डर को पहले महसूस करना ही एक अनोखी घटना है। और अगर आपके साथ यह होती है तो अपने आप में ही यह एक सुन्दर अनुभव है। 

आशा करता  हूँ  की आपको अपने डर को समझने में मदद मिलेगी और डरना भी बंद कर देंगे।  

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